शेर-ओ-शायरी June 24, 2024 by Vinod Suthar निकले हैं घर से मंजिल की ओर Nikle hain ghar se manzil ki or, ek or hakikat ek or khwahishon ka chhor. Rukte hain raah mein jab raat ho jaye, ek dar hai jahan mein
शेर-ओ-शायरी June 24, 2024 by Vinod Suthar मैं देर तक देखता हूं वो किताबें मैं देर तक देखता हूं वो किताबें, जिन किताबों में कभी खोई थी तुम। लोग मुस्कुराते हैं ईद का चांद देख कर, सुना है, उस चांद को देख कर रोई थी तुम।
शेर-ओ-शायरी June 24, 2024 by Vinod Suthar वो पूरी कयामत जैसी थी कुदरत का कहर था, या फिर बनावट ऐसी थी। तारीफ आंखों तक ठीक नहीं, वो पूरी कयामत जैसी थी। Kudrat Tareef aankhon qayamat girls
शेर-ओ-शायरी June 24, 2024 by Vinod Suthar कई आये – गए तेरे जाने के बाद अब पुरानी बातों में वो असर नहीं आता, वक्त गुजरता है पर नजर नहीं आता। कई आये – गए तेरे जाने के बाद, तेरी तरह कोई क्यों नहीं आता।
शेर-ओ-शायरी June 24, 2024 by Vinod Suthar दिल परेशान है तेरी मासूमियत से हर रोज मेरा खुद से उलझना, कोई बगावत तो नहीं है? दिल परेशान है तेरी मासूमियत से, कहीं ये बनावट तो नहीं ulajhna bagawat Dil pareshan masoomiyat
शेर-ओ-शायरी June 24, 2024 by Vinod Suthar सफर शुरू था वक्त से पहले 2 line success shayari on Kuch na khone ki chah mein, khwahishen kheenche rah gaya. Safar shuroo tha waqt se phle,aur main piche reh gaya.